संत चेसार दे बुस

चेसार दे बुस का जन्म 3 फरवरी 1544 को कावाईयों (फ्रांस) में हुआ। 1582 में पुरोहित अभिषिक्त किये गये और आवियों में बस गए। उन्होंने अपने साथ पुरोहितों का एक समूह इकट्ठा कर, “ईसाई धर्म शिक्षा का अभ्यास” करने लगे।
15 अप्रैल 1607, पास्का के दिन उनकी मृत्यु हो गई। संत पिता पौलुस षष्ठम ने 27 अप्रैल, 1975 को उन्हें धन्य घोषित किया।
धर्मसंघ

फादर चेसार, दस पुरोहित और एक उपयाजक, 29 सितंबर 1592 को प्रोवांस प्रान्त के अंतर्गत इल सुर ला सोरग नामक द्वीप पर ख्रीस्तीय धर्म-सिद्धांत को अधिक प्रभावकारी तरीके से अभ्यास करने, सामुदायिक जीवन जीने हेतु कुछ नियम बनाने और किसी एक स्थान पर रह पाने के लिए धर्माध्यक्ष से याचना करने के उद्देश्य से जमा होते हैं। इस प्रकार क्रिश्चियन डॉक्ट्रिन फादर्स धर्मसंघ की स्थापना होती है जिसे संत पिता क्लेमेंट अष्ठम द्वारा 23 दिसंबर 1597 को स्वीकृति मिली।
डॉक्ट्रिनेयर्स (सीडीएफ) आज

चेसार दे बुस, अपने अनुभव से शुरूआत करते हुए पांच स्तंभ की बात करते हैं, जिनपर प्रभु के साथ अपना रिश्ता स्थापित किया जा सकता है: धर्मग्रन्थ के प्रति प्रेम, यूखारिस्तीय आराधना, माँ मरियम के प्रति श्रद्धा, स्वर्गदूतों और संतों को आह्वान और आध्यात्मिक साहचर्य। ये पांच स्तंभ क्रिश्चियन डॉक्ट्रिन फादर्स (सीडीएफ) के प्रेरितिक कार्य को सहारा देते हैं।
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“चेसार-स्टॉक” के साथ इटली और फ्रांस के लिए बुलाहट शिविर
रोम अवस्थित डॉक्ट्रिन फादर्स के अंतर्राष्ट्रीय सेमिनरी में 12 से 23 वर्ष की आयु के बच्चों और युवाओं के लिए [...]
बुरुंडी, क्रिश्चियन डॉक्ट्रिन के लोकधर्मी मुयागा में तीर्थयात्री
क्रिश्चियन डॉक्ट्रिन के लोकधर्मी जो बुजुम्बुरा के रूज़िबा कस्बे में अवस्थित पल्ली और गितेगा समुदाय से जुड़े हुए हैं और [...]
अंतर्राष्ट्रीय सेमिनरी चेसार दे बुस फिर से खुला
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Italia, nuovi parroci Dottrinari
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