इटली से बुरूंडी तक
पिछली सदी के अंतिम दशकों में यूरोप में आए धर्मसंघीय और पुरोहिताई बुलाहट का संकट डॉक्ट्रिन फादर्स संस्था को भी काफी प्रभावित किया, जैसे वाराल्लो सेसिया, बोरगो सेसिया, सन रेमो और विजेवानो के स्कूल बंद हो गए, अतः इटली में डॉक्ट्रिनरी प्रकाशन को छोड़कर, पल्लियों का संचालन पर ही ध्यान केंद्रित रहा।
1994 का जनरल चैप्टर रोमन और पीएडमोंट प्रोविंस का विलय कर एकमात्र इटैलियन प्रोविंश को जन्म दिया, जो कावाइयों-शेवाल ब्लांक समुदाय को भी शामिल करता है।
9 जुलाई 1997 को पीएडमोंट के सुपीरियर फादर लुचानो मस्करीन के मार्गदर्शन में इटैलियन प्रोविंशियल चैप्टर ने मिशन आद जेंतेस पर एक “प्रस्ताव” को मंजूरी दी जिसमें लिखा है: “चैप्टर की राय है कि अंतिम जनरल चैप्टर द्वारा चाहा गया और समर्थित किया गया मिशनरी पहल सुपीरियर जनरल के व्यक्तिगत नेतृत्व में जारी रखना चाहिए“।
2006 में बुरुंडी की राजधानी बुजुम्बुरा में डॉक्ट्रिन फादर्स की उपस्थिति की शुरूआत होती है। फादर लुचानो मस्करीन सुपीरियर जनरल के रूप में बारह साल की सेवा देने के बाद और अपनी कार्यकाल के दौरान व्यक्तिगत रूप से बुरुंडी के बिशप के साथ संपर्क साधकर पहले मिशन के कार्यों को प्रारम्भ किया तथा बड़ी उदारता के साथ खुद को उपलब्ध कराते हुए बुरुंडी के प्रथम पुरोहितों वेनां दाहोंकीरिये, निकोलस बाईंक्वा, चार्ल्स बितारीहो और जोसेफ पिताबावुमा के साथ बुरुंडी में क्रिश्चियन डॉक्ट्रिन फादर्स की उपस्थिति की शुरुआत करते हैं। डॉक्ट्रिन फादर्स फोर्मेशन हाउस के अतिरिक्त बुजुम्बुरा का एक उपनगरीय मुहल्ला रूज़िबा में पैस्टोरल कार्य का संचालन करते हैं।
डॉक्ट्रिन फादर्स बुरुंडी के गीतेगा शहर में नोविशिएट और थियोलॉजिकल स्टूडेंटस हाउस के अलावा पुरोहिताई और उपदेश के कार्य के लिए भी समर्पित हैं।