इटली में डॉक्ट्रिन फादर्स
फादर्स की पाँच शताब्दियों का संक्षिप्त इतिहास…
फादर्स की पाँच शताब्दियों का संक्षिप्त इतिहास…
28 जून 1664 को आवियों प्रोविंस (फ्रांस) के डॉक्ट्रिन फादर्स ने वेन्तिमिलिया धर्मप्रान्त का सोस्पेल्लो नामक एक पर्वतीय गाँव में कला संकाय और दर्शनशास्त्र के साथ एक कॉलेज सह बोर्डिंग स्कूल खोला। इस प्रकार इटली में कॉन्ग्रिगेशन का विस्तार होना प्रारम्भ होता है। फिर 1683 में उन्होंने इव्रेया में दो अन्य घर खोले। 1701 में तेर्नी के फेरेंतिल्लो में एक छोटा बोर्डिंग स्कूल खोलने की बारी थी, इसके बाद रोनचिल्यिोने (वितेर्बो), सैन मेरिनो, बेवाईंया, अुम्ब्रिया के स्पोलेतो में सेमिनरी खोले गए।
1706 में चिवितावेक्किया की नगरपालिका ने डॉक्ट्रिन फादर्स को शहर में बसने के लिए आमंत्रित किया, जबकि 1710 में प्रिंस पम्फिली के अनुरोध पर कॉन्ग्रिगेशन ने रोम के पियात्सा नवोना स्थित संत अग्नेस की सेमिनरी के संचालन का पदभार संभाला। इस प्रकार पल्ली के साथ संत निकोला ऑफ कोरोनाती सेमिनरी इत्यादि के साथ इटरनल सिटी (रोम) में ये सभी पहली गतिविधियाँ रहीं। 1726 में पोप बेनेडिक्ट तेरहवें ने रोम के हृदय में अवस्थित सांता मरिया मोंतिचेल्ली चर्च को डॉक्ट्रिन फादर्स के हाथो सौंपा। वस्तुत: पोप को पता था कि “रेगोला मुहल्ला” में, जहां चर्च अवस्थित है, ऐसे भी लोग हैं जिन्हें नैतिक और धार्मिक शिक्षा की अति आवश्यकता थी।
इस प्रकार रोमन प्रोविंश के नाम से धर्मसंघ का चौथा प्रोविंश का जन्म होता है जो उस समय के इतालवी साम्राज्यों, जैसे किंगडम ऑफ सवोईया, नेपल्स और पोंटिफिकल स्टेट के अन्तर्गत आने वाले सदनों से बना। 1725 में बेनेदिक्त तेरहवें क्रिश्चियन डॉक्ट्रिन के संस्थानों के विकास के लिए, अपनी पहल और अधिकार के आधार पर इच्छुक अधिकारियों की सहमति से, नेपल्स और आवियों प्रोविंश का विलय कर देते हैं। पोप बेनेदिक्त आल्प्स पर्वत के इस ओर अवस्थित सभी सदनों और कॉलेजों को आवियों प्रान्त से अलग कर देते हैं, जैसे फेरेंतीनो (वितेर्बो) रोंचिल्यिोने (वितेर्बो) चिवितावेक्किया (रोम), सैन मार्टिनो, सोसपेल्लो (आज फ्रांस में) इव्रेया (तूरीन), अूम्ब्रिया का बेवाईंया और स्पोलेतो के सेमिनार और 1726 में रोम का संता मरिया मोन्तीचेल्ली का घर को। फिर इन समुदायों को एक साथ मिलाकर नेपल्स प्रोविंश में विलय कर देते हैं जहाँ लावरितो (सालेर्नो), लौरेयाना, सोरबो, सेंट जॉन इन गाल्दो और कजेर्ता के सदन थे। इस प्रकार रोमन प्रोविंश का गठन हुआ। पोप ने यह स्थापित किया कि फादर चेसार कॉन्ग्रिगेशन के एकमात्र संस्थापक जाएंगे और संस्था का नाम “सेक्यूलर क्लेरिक्स ऑफ द क्रिश्चियन डॉक्ट्रिन ऑफ आवियों” होगा। 1747 में सेंट अगाथा इन त्रासतेवेरे, वेल्लेत्री (रोम), पालेस्त्रिना (रोम), ऑर्विएतो (तेर्नी) सेईं (रोम), रोक्का मास्सिमा (लतिना) और अरिच्चा (रोम) के घरों के साथ कॉन्ग्रिगेशन का विस्तार हुआ।
पोंतेकोर्वो में आगमन

सेंट मार्क चर्च
22 जून 1739 की शाम, दो पुरोहित और एक धर्मबन्धु रोम के सांता मरिया मोन्तीचेल्ली समुदाय से पोन्तेकोर्वो (फ्रोजिनोने) के लिए रवाना होते हैं। अक्विनो और पोंतेकोर्वो के बिशप स्वामी, जोसेफ दे कारोलिस ने स्पोलेतो के बिशप से पूछताछ करने के बाद, जहाँ पहले से ही डॉक्ट्रिन फादर्स दो सेमिनरी का संचालन कर रहे थे, अपने धर्मप्रान्तीय सेमिनरी को इन फादर्स के जिम्मे सौंपने का फैसला किया। जल्द ही, इन्होंने एक स्कूल खोलने का प्रस्ताव को भी स्वीकार कर लिया जिससे समुदाय में दो अन्य पुरोहित और एक धर्मबन्धु जुड़ गए। ये डॉक्ट्रिन फादर्स 1740 में दु:खों की माँ मरियम की भक्ति की शुरूआत की और इससे संबंधित एक कॉन्फ्रेटरनिटी का गठन किया जिसे बिशप स्वामी ने चार महीने बाद मंजूरी दे दी। 1745 में उन्हें सेंट मार्क पल्ली भी सौंपा दिया गया, तथा इसके साथ नजदीक का संत मिखाएन महादूत पल्ली को भी जोड़ दिया गया। डॉक्ट्रिन फादर्स एक नया चर्च और एक बोर्डिंग स्कूल बनाने का कार्य प्रारम्भ करते हैं। चर्च का काम 1785 में पूरा हुआ। इसमें आवर लेडी ऑफ सॉरो को समर्पित एक वेदी का गठन किया गया और इसके सम्मान में प्रत्येक शुक्रवार को धार्मिक समारोह का आयोजन किया जाता रहा है और प्रत्येक वर्ष सितंबर महीने में एक भव्य जुलूस के साथ सप्तक प्रार्थना की जाती है। बिशप लुचिबेल्लो ने 1819 में समुदाया का दौरा करने के बाद डॉक्ट्रिन फादर्स के प्रोविन्शियल सुपीरियर को एक पत्र लिखा: «मैं इन उत्कृष्ट धर्मबन्धुओं के आचरण से प्रभावित होकर जा रहा हूँ। ये मेरे क्लर्जी का सबसे सुंदर हिस्सा है।» संत मारकुस चर्च में सैन लियोनार्डो दा पोर्तो माउरित्यिो को उपदेश देने के लिए आमंत्रित किया गया और 1849 में पोप पियूष नवम् को डॉक्ट्रिन फादर्स द्वारा बहुत खुशी के साथ स्वागत किया गया। द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान हुई बमबारी से चर्च और हॉस्टल दोनों को नष्ट हो गए। परन्तु डॉक्ट्रिन पुरोहितों ने लोकधर्मियों के बीच रहने का फैसला किया, इसके बावजूद कि घर के ढहने, हवा, बारिश और मलेरिया का भी खतरा था। पल्ली पुरोहित फा॰ चेसार चेन्तान्नी, फा॰ क्वात्रिनो, फा॰ कोन्ते और फा॰ चेंती ने तुरंत मलबे को साफ करना शुरू किया और चर्च, हॉस्टल और पैरिश हाउस का पुनर्निर्माण किया। बमबारी के बाद कुछ पत्थर मिले हैं जिनपर लिखा है: “PPPP 1754” अर्थात “प्रिमी पात्रेस प्रिमाम पेत्राम पोजुएरुंत 1754” (प्रथम फादर्स ने पहले पत्थर की नींव डाली 1754), तथा एक और पत्थर पर लिखा है: “PP.DC 1754”, अर्थात् “पात्रेस दॉक्त्रिने क्रिश्तियाने 1754” (क्रिश्चियन डॉक्ट्रिन फादर्स 1754)।
सैन दामियानो दी आस्ती में आगमन
जैकोबिन कानून के तहत, राष्ट्र की ओर से धार्मिक संपत्तियों की जब्ती और धार्मिक दमन के बाद पीएडमोंट प्रोविंश के बचे-खुचे धर्मसंघी अपनी अंतिम आर्थिक बचत का उपयोग करते हुए सैन दामियानो दी आस्ती में एक घर की खरीदते हैं, जो पहले किसी कोन्ती नुवोली कुलीन परिवार का एक सदन हुआ करता था तथा जिसमें 1870 में डॉन बोस्को और भविष्य का कार्डिनल गाम्बा के बीच मुलाकात हुई थी। बाद में डॉन बोस्को ने इस लड़के को वाल्दोक्को के अपने ऑरेटरी में स्वीकार कर लिया था। 1885 में फादर जोसेफ जैकब को इस नए सेमिनरी सह हॉस्टल का वाइस-रेक्टर नियुक्त किया गया, जो न केवल पीएडमोंट प्रोविंश प्रांत वरन् पूरे कॉन्ग्रिगेशन के लिए बुलाहट का शुरुआती बिंदु बन गया। सैन दामियानो में कॉन्ग्रिगेशन की मुख्य संरक्षिका, वर्जिन ऑफ सॉरो, को समर्पित एक चर्च बनाया गया, जिसके भीतर कॉन्ग्रिगेशन की नींव की स्मृति को जीवित रखने के लिए संत माइकल की एक वेदी बनाई जाती है। चर्च के बगल के भवन को नव-शिष्यालय के रूप में उपयोग करने के लिए पुनर्निर्मित किया जाता है।
क्रावियानो, गोवोने (आस्ती) का एक उप-इलाका
1895 में डॉक्ट्रिन फादर्स ने क्रावियानो में फ्रांसिस्कन कपुचिन धर्मबन्धुओं का कोन्वेंट खरीदा। फादर जोसेफ जैकब इसे प्रोविंश का मुख्य पोस्टुलेट का केन्द्र बनाने का पूरा प्रयास किया।
बीसवीं सदी की शुरुआत। सैन दामियानो से तूरीन तक

तूरीन में जीसस नाज़रीन की पल्ली
फादर जैकब की सोच थी कि बेहतर बौद्धिक निर्माण के लिए तूरीन में एक सदन का होना अच्छा है…और विधाता ने इस कार्य में भी मदद किया। कुछ साल पहले रोम के सांता मारिया मोंतीचेल्ली चर्च में एक असाधारण घटना घटी थी: येसु नाज़री को चित्रित एक पेंटिंग की आँखें बार-बार खुली थीं। यह घटना 1854 में घटी थी। इस पेंटिंग को चर्च की मुख्य वेदी में एक बड़ा पर्व मनाने के लिए ले जाया गया था। रोम के विकारिएट की देख-रेख में एक नियमित प्रक्रिया से गुजरने के बाद, 17 अक्टूबर 1854 को, रोम के विकर कार्डिनल कोन्सटेन्टिन पत्रित्सी ने निम्नलिखित आज्ञप्ति जारी की: “हमने आज्ञप्ति निकाली है और यह घोषणा करते हैं कि सांता मारिया मोन्तीचेल्ली चर्च में श्रद्धा के लिए रखी गई जीसस नाज़रीन की चित्र में हुई आँखों की गति सही है। उक्त गति सही साबित होती है और इसे सर्वशक्तिमान ईश्वर के विलक्षण कार्यों में गिनती करते हैं, अत: यह प्रकृति की व्यवस्था से ऊपर की बात है; ईश्वर की अधिक महिमा के लिए और परम पवित्र उद्धारक हमारे प्रभु येसु मसीह के प्रति भक्ति को और अधिक वृद्धि करने के लिए हम इस धार्मिक तथ्य की रिपोर्ट प्रकाशित करने और इसे प्रचारित करने का अधिकार देते हैं»। इसी कारण, कॉन्ग्रिगेशन के सुपीरियर जनरल फादर थॉमस लांत्सा ने फादर जैकब को सुझाव दिया कि वे ट्यूरिन में बन रहे नये चर्च का नाम येसु नाज़री रखें… और ऐसा ही हुआ।
24 नवंबर 1904 को नींव की पहली पत्थर रखी गई, और एक साल बाद, फादर जैकब को नई पल्ली का पल्ली-पुरोहित नियुक्त किया गया। पूरे इटली में येसु नाज़री नाम का सिर्फ एक ही पल्ली था। द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान हवाई बमबारी के दौरान आगजनी करने वाले तीरों से पुरोहितों का आवास और पैरिश चर्च पर भी आक्रमण किया गया था। बमों ने दरवाजे और खिड़कियां तोड़ दी थी, दीवारों और छत को नुकसान पहुँचा, लेकिन चर्च खड़ा रहा।
1930 के दशक में वाराल्लो सेसिया आगमन
1930 के दशक में डॉक्ट्रिन फादर्स वाल सेसिया में अपनी उपस्थिति दर्ज करते हैं। 1928 में फादर फ्रांसेस्को रस्पिनो ने पोदेस्ता दे मार्की का आमंत्रण स्वीकार कर याजक बेल्लेती के साथ दद्दा कॉलेज सह हॉस्टल का संचालन प्रारम्भ किया, परन्तु विद्यार्थियों की कमी के कारण स्कूल बंद कर दिया गया और हॉस्टल की भी लगभग यही हालत हो गई थी। फादर रस्पिनो ने आत्मविश्वास के साथ कॉलेज सह हॉस्टल को फिर से खोला जो धीरे-धीरे लय में आया।1935 में फादर रस्पिनो ने डॉक्ट्रिन फादर्स के अधीन इसके प्रत्यक्ष संचालन की माँग की। दो साल बाद उन्हें कॉलेज की मान्यता मिली जो उस समय सरकार से प्राप्त करना काफी मुश्किल का काम था। इस प्रकार 1937 में कॉलेज का प्रत्यक्ष प्रबंधन के अनुबंध पर हस्ताक्षर करने के साथ डॉक्ट्रिन फादर्स ने आधिकारिक तौर पर वाराल्लो सेसिया में प्रवेश किया। डॉक्ट्रिन फादर्स तुरंत शैक्षिक कार्य शुरू करते हैं जिससे पूरा वाल सेसिया को लाभ पहुँचता है। वे मध्य विद्यालय और उच्च विद्यालय स्थापित करते हैं और इनकी कानूनी मान्यता प्राप्त करते हैं; 1947 से उन्होंने बोर्गोसिया में भी कुछ स्कूलों की शुरूआत की। नगर प्राधिकरण के प्रभावी सहयोग के बदौलत एक मध्य विद्यालय, दो उच्च विद्यालय, वराल्लो का कला संकाय, बोर्गोसिया का विज्ञान संकाय खोले गए, फिर इन्हें चलाना और इनका विकास करना डॉक्ट्रिन फादर्स के ख्रीस्तीय विश्वास के गवाही का कार्य रहा। इन स्कूलों के अलावा, 1948 में नगर पालिका के निमंत्रण पर, कॉलेज में वाणिज्यिक तकनीकी स्कूल की एक शाखा खोली गई, जो 1953 में राज्य स्तर का एक तकनीकी स्कूल में बदल गया और जो प्रोफेशनल होटल इन्सटिट्यूट भी बना। वाराल्लो में लंबे समय तक बने रहने की संभावनाओं को देखते हुए स्वयं फादर रस्पिनो द्वारा दान की गई ओरेल्ली की अपनी जमीन पर एक सेमिनरी बना, जहां डॉक्ट्रिन फादर्स की आने वाली पीढ़ियों तक का प्रशिक्षण हुआ। विशेष रूप से दो डॉक्ट्रिन फादर्स ने इस कार्य में काफी मेहनत की है: फेलिचे मोरेरो, जिन्हें फासीवाद विरोधी होने के आरोप में दुर्व्यवहार किया गया, और फादर एनरिको अल्लोवियो, जो एक ऐसे समय तक जब प्रेस को चुप रहने के लिए मजबूर किया जाता था या चापलूसी का कार्य करना पड़ता था, भय, उत्पीड़न और धमकियों को बर्दाश्त करते हुए हमेशा वाल सेसिया के कैथोलिक अखबार के स्तंभों से सत्य की रोशनी जलाते रहे और स्वतंत्रता का मार्ग रोशन करते रहे। लेकिन इसके अतिरिक्त अन्य पुरोहित भी हुए और जो युवा पीढ़ियों के लिए संदर्भ बिंदु बने रहे, जैसे कि उल्लेख के तौर पर फा॰ मज़ुको, फा॰ गल्लिनो, फा॰ तोनिन, फा॰ ज़क्विनी।
सलेर्नो में पोर्तोगेजी द्वारा होली फ़ैमिली चर्च का डिज़ाइन और डॉक्ट्रिनरी प्रकाशन की शुरूआत

होली फ़ैमिली चर्च
20 मई 1935 को आर्चबिशप निकोला मोन्तेरिजी के कहने पर सलेर्नो धर्मप्रान्त के विकर जनरल डॉन एंटोनियो बल्दुच्ची ने डॉक्ट्रिन फादर्स के सुपीरियर जनरल को एक पत्र लिखा और “उन्हें इस शहर में, सटीक तौर पर फ्रात्ते में, एक समुदाय खोलने के लिए आमंत्रित किया। मान्यवर धर्माध्यक्ष ने धर्मसंघियों को पल्ली चर्च और साथ में अच्छी स्थिति में जुड़ा एक कोन्वेन्ट देने की बात कही जिसमें कई धर्मसंघी रह सकते थे।” 5 अगस्त 1935 को आर्चबिशप ने जमीन के दानदाता के लिए मासिक मिस्सा करने की शर्त के आधार पर निर्मित होली फैमिली चर्च और जुड़े कोन्वेंट के हस्तांतरण करने के दस्तावेज पर हस्ताक्षर किए। पल्ली पुरोहित की नियुक्ति महामान्यवर सुपीरियर जनरल के प्रस्ताव पर महाधर्माध्यक्ष के द्वारा होगी। डॉक्ट्रिन फादर्स की ओर से सुपीरियर जनरल फादर जोसेफ रोरी ने हस्ताक्षर किए। पल्ली में अपनी उपस्थिति के पहले दिन से ही डॉक्ट्रिन फादर्स बड़े उत्साह और समर्पण के साथ विश्वासियों के आध्यात्मिक विकास के लिए काम करना प्रारम्भ कर दिया। ये धर्मशिक्षा के शिक्षण और धार्मिक, सामाजिक और कई निर्माणकारी पहलों तथा गतिविधियों के माध्यम से बच्चों और युवाओं पर विशेष ध्यान देने का काम करते हैं जैसा कि शैक्षणिक वर्ष के अन्त में आयोजित धर्मप्रान्तीय प्रतियोगिताओं में कई बार इनाम जीत लाने के सबूत हैं। सलेर्नो पैरिश हॉल के परिसर में 11 दिसंबर 1950 को, चार और उससे अधिक उम्र के बच्चों के लिए, एक शिक्षिका और कुछ सहायकों के नेतृत्व में , कुछ सुखी संपन्न परिवारों की मदद के द्वारा न्यूनतम शुल्क के योगदान के बदौलत, शिक्षा मंत्रालय की ओर से अतिरिक्त वार्षिक सब्सिडी और सबसे बढ़कर स्थानीय आबादी की उदारता से पैरिश किंडरगार्टन स्कूल खोला गया। यह अक्टूबर 1957 के अंत तक पल्ली परिसर में चलता रहा, फिर चार वर्षों के काम की रुकावट और पुन: शुरू करने के बीच कालाता सैन विटो स्ट्रीट के नये परिसर पर स्थानांतरित हो गया। 1960 की शुरुआत में कालाता सैन विटो स्ट्रीट के किंडरगार्टन के भूतल पर पल्ली चलचित्रशाला की शुरूआत की गई जिसमें कई परिवारों की उपस्थिति देखी जा रही थी। द्वितीय विश्व युद्ध विनाश और मृत्यु लाया: युद्ध के दिनों में बमबारी से सलेर्नो का घर और पल्ली चर्च पर कई बार हमले हुए, लेकिन सबसे गंभीर क्षति बारुदी सुरंगो के कारण होती है जिससे घर से सटा पुल उड़ जाता है।
1964 में, सलेर्नो में डॉक्ट्रिनरी प्रकाशन की शुरूआत होती है। इस कैटेकेटिकल एपोस्टोलेट की आत्मा और जनक फादर अलेसान्द्रो इयादेकोला हैं। प्रथम प्रकाशन पुराने चर्च परिसर में रविवारीय पन्ना “ला दोमेनिका” की साइक्लोस्टाइल्ड प्रिंटिंग से प्रारम्भ हुआ, जिसमें पल्ली का जीवन बताया जाता था। पहली मशीनों को बैठाने के बाद, धर्मशिक्षा के लिए मुद्रित सामग्रियाँ और शिक्षण सहायिका की पुस्तिकाओं की मुद्रण गतिविधियाँ लगातार जारी है, और जिसकी मामूली लागत और व्यावहारिकता के कारण कई पल्ली पुरोहित डॉक्ट्रिनरी फादर्स की ओर रुख करते हैं। ये पल्ली पुरोहित इन प्रकाशनों से अपनी-अपनी पल्लियों की धर्म शिक्षा के लिये ठोस सहायता पाते हैं। इसका फल यह है कि “क्षेत्र में कॉन्ग्रिगेशन का नाम अब अज्ञात नहीं है”, जैसा कि फ़ादर रोबेर्टी लिखते हैं – “पुरोहितगण और लोकधर्मी हमारी गतिविधियों को जानते हैं, क्षेत्र के धर्माध्यक्ष इसकी प्रशंसा करते हैं और काम को आशीर्वाद देते हैं”। प्रकाशन कार्य की पहल में गुणात्मक वृद्धि हो रही है, जैसे, पुस्तक, पम्प्लेट, बाइबिल से सम्बंधित सामग्रियाँ, चित्र और अन्य मुद्रित सामग्रियों के अतिरिक्त, छात्र-छात्राओं की मासिक पत्रिका ‘वेले आल वेन्तो’, का भी जन्म हुआ। येसु की पवित्र भूमि के दृश्यों के साथ एक दीवार कैलेंडर मुद्रित किया गया है जिसे इटली के सभी बिशप, कुरिया और कैटेकेटिकल कार्यालयों के साथ-साथ संत पिता को भी भेजा गया, जिन्होंने अपने आशीर्वाद भेजे। सलेर्नो प्रांत की तस्वीरों के साथ अपनी तरह की अनूठी स्कूल डायरी भी छपी जिसे पर्यटन मंत्रालय और अन्य निकायों से वाहवाही मिली। अंत में, देश भर में वितरित की जाने वाली पत्रिका ‘मॉडल और स्पोर्ट’ को अन्य पत्रिकाओं के साथ सदस्यता ग्रहण किये लोगों को दुनिया के कई देशों में भेजा जाता है। सलर्नो में किया गया एक और महत्वपूर्ण काम 1970 के दशक की शुरुआत में होली फैमिली चर्च का निर्माण है। इस परियोजना को इंजीनियर वित्तोरियो जिग्लियोत्ती को सौंपा गया, जिसने 1969 में आर्किटेक्ट पाओलो पोर्तोगेजी के साथ मिलकर पूरा किया। 8 दिसंबर 1971 को, सलेर्नो के आर्चबिशप गाएतानो पोल्लियो ने नए चर्च की नींव के पहले पत्थर की आशीष दी, जिसे फादर निकोला रॉबर्टी के द्वारा दृढ़ता से चाहा गया था, और जिसे 1 जून 1974 को मिस्सा के लिए खोल दिया गया, हालाँकि उस वक्त फर्श का काम अधूरा था जिसे 1984 में पूरा कर लिया गया था। 1988 में डॉक्ट्रिनरी प्रकाशन को पेलेत्सानो का नया मुख्यालय में स्थानांतरित कर दिया गया जहाँ से प्रेरितिक और धर्मशिक्षा की सेवा में प्रकाशन का कार्य जारी है। प्रबंधन का जिम्मा फादर फ्रांसेस्को गात्तो और फिर फादर फ्रांको मंजिली को सौंपा गया है। 2005 में सलेर्नो के आर्चबिशप जेरार्डो पिएरो धर्मप्रान्त में सत्तर साल की उपस्थ्िाति, डॉक्ट्रिनरी प्रकाशन के जन्म के चालीस साल और फ्रात्ते में नए चर्च के उद्घाटन के तीस साल के समारोही अनुष्ठान के दौरान यह संदेश देते हैं: “हमारी कई पल्लियाँ इनके प्रतिबद्ध कार्य और धर्मशिक्षा की छपी व्याख्या के फल का आनंद लेते हैं जिसे इन लोगों ने कर दिखाया है जब इटैलियन बिश्प्स कॉन्फरेन्स की धर्मशिक्षा छपी और हर कोई इससे सहज महसूस नहीं कर रहे थे। फा॰ अलेस्सांद्रो ने अपने प्रकाशन के माध्यम से जो व्याख्या दी, वह हमारे समुदाय के लिए अत्यन्त कारगर रही, अत: मैं पूरे धर्मप्रान्त के नाम पर उन्हें सहृदय धन्यवाद देना चाहता हूँ””। प्रकाशन कार्य के साथ-साथ 2013 से डॉक्ट्रिन फादर्स ने पेल्लेत्सानो में अपने स्थान का विस्तार किया और पुस्तकों तथा धार्मिक सामग्रियों के प्रसार के लिए एक दुकान भी खोली।
सलुत्सो का बोर्डिंग स्कूल

सलुत्सो का सेंट बेर्नार्ड चर्च
1936 में मार्के प्रान्त का कुलीन इंसान कार्लो देल कर्रेत्तो और सलुत्सो के बिशप मान्यवर ओबेर्ती ने डॉक्ट्रिन फादर्स के जिम्मे सलुत्सो का सिविक कॉलेज और साथ ही सेंट बेनार्ड चर्च को सौंप दिया। कॉलेज सह हॉस्टल चलाने का मुख्य उद्देश्य युवाओं की सहायता करना, उन्हें एक पारिवारिक वातावरण प्रदान करना था ताकि वे मध्य, माध्यमिक, उच्च विद्यालय, तकनीकी, मास्टर और व्यावसायिक स्कूलों में अच्छी तरह से अध्ययन कर सकें। युवा इस कॉलेज में ग्रामीण इलाके, शहर और ट्यूरिन से आते थे। डॉक्ट्रिनरी संचालन के तहत कई पुरोहित, जैसे फा॰ रस्पिनो, फा॰ अल्लोवियो, फा॰ बत्ताग्लिनो, फा॰ मोरेरो, फा॰ फ्रैंकोने, फा॰ अमेरियो, फा॰ रोलान्दो, फा॰ स्तिक्का, फा॰ स्क्विल्लारी और फा॰ तोनिन ने शैक्षिक, ख्रीस्तीय और बौद्धिक मिशन का कार्य किया।
रोम के तोम्बा दी नेरोने में पल्ली चर्च
1939 में रोम के विकारिएट ने डॉक्ट्रिन फादर्स को तोम्बा दी नेरोने (नीरो की कब्र) नामक एक कस्बे की आध्यात्मिक देखभाल काप्रस्ताव किया, तब यह पल्ली नहीं बल्कि एक मिशन-स्टेशन हुआ करता था। इस प्रस्ताव को स्वीकार करते हुए, डॉक्ट्रिन समुदाय का गठन खजाँची फादर जोवान्नी देलपेरो, फादर कारमिने कोन्ते और दो धर्मबन्धु राफाएल पिक्कोलो तथा कार्लो रेई के द्वारा हुआ। कुछ महीने बाद, फादर ऑरलैंडो विस्कोन्ती सहायक पल्ली पुरोहित के रूप में जुड़ गए। 1940 में चर्च और पल्ली हाउस का निर्माण कार्य शुरू हुआ जिसका उद्घाटन 11 अक्टूबर 1941 को हुआ। लोस्सेरवातोरे रोमानो अखबार 17 अक्टूबर के अंक में घटना की रिपोर्ट इस प्रकार करता है: “मंदिर के प्रवेश द्वार पर स्थानीय प्राशासनिक अधिकारियों तथा सुपीरियर जनरल फा॰ जोसेफ रोरी के साथ उपस्थित डॉक्ट्रिन फादर्स के पुरोहितों के द्वारा महामान्यवर फ्रांसेस्को पास्कुच्ची का स्वागत किया गया, जिन्होंने नएसंत अन्द्रेयस प्रेरित पल्ली चर्च की आशीष की”। महामान्यवर अनुष्ठाता के व्याख्यान के बाद, गन्दिनो की उर्सुलाइन सिस्टर्स के गिरजाघर से नए चर्च तक पवित्र यूखारिस्त का जुलुस निकाला गया और पवित्र संस्कार से आशीर्वाद दिया गया। नया चर्च ग्रामीण शैली के अनुसार बनाया गया है जो कस्बे के वातावरण के अनुकूल है, तथा गाँवों के फार्महाउस और कृषि संबंधी सामग्रियों के प्रयोग से हुआ है। प्रथम पल्ली पुरोहित के रूप में फादर अयेंल्लो सिमोनेल्ली को 17 फरवरी 1944 में नियुक्त किया गया। द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान, कुछ डॉक्ट्रिन पुरोहितों को भी लड़ाई में जाना पड़ा था, और इससे सदन को भी काफी नुकसान पहुँचा था। संत अन्द्रेयस पल्ली चर्च को तोपों के कई प्रहार का सहन करना पड़ा है।
विजेवानो का नेग्रोने बोर्डिंग स्कूल और ख्रीस्त राजा पल्ली
डॉक्ट्रिनेयर फादर्स बिशप लुइजी बरबेरो के निमंत्रण पर 12 अगस्त 1954 को विजेवानो (पीवी) का पियो इस्तितूतो नेग्रोने बॉर्डिंग स्कूल की देख-रेख का जिम्मा “फुटवियर व्यवसाय में कदम रख रहे युवा लोगों के धार्मिक, सामाजिक और तकनीकी निर्माण का ख्याल रखने के लिए” लेते हैं। 1959 ई. के जून महीने से, गर्मियों के दौरान लड़के-लड़कियों की गतिविधियों को चलाने के लिए खेल के मैदान में एक बड़ा स्विमिंग पूल बनाया गया, जो चालीस वर्षों के दरम्यान 15,000 आगंतुकों को सेवा प्रदान करता रहा।
1963 में इंस्टिट्यूट के दाहिने खंड को 270 से अधिक विद्यार्थियों की 9 कक्षाओं के साथ बेसोत्सी राज्यकीय मध्य विद्यालय और बांयें खंड को 250 छात्र-छात्राओं का रेजिना मार्गेरिटा प्राथमिक विद्यालय के रूप में समायोजित करने के लिए परिवर्तित किया गया। 1970 के दशक में एक मामूली शुल्क के भुगतान के साथ, सुबह 7.30 से शाम 6 बजे तक ठहरने योग्य एक सेमी-बोर्डिंग हाउस की स्थापना की गई। संस्थान शहर के लोगों के लिए खुला रहता था तथा 5 फुटबॉल मैदानों में से एक को स्थानीय लोगों के टूर्नामेंट और विभिन्न आयोजनों के लिए उपलब्ध कराया जाता था।
नवंबर 1973 में, सेंट जॉन द बैपटिस्ट को समर्पित चर्च को नवीकृत किया गया और संस्थान के संस्थापक, योहन बपतिस्ता नेग्रोने, उनकी पत्नी फ्रांसिस्का मनारा, उनकी तीन बेटियाँ और फ्रांसिस्का की मां अन्ना मारिया कोल्ली कैंटोन के अवशेषों को स्थानांतरित कर दिया गया। 1979 में तत्कालीन प्रोविंशल सुपीरियर फादर बतिस्ता प्रेविताली ने पियो इस्तितूतो नेग्रोने के प्रशासन से बच्चों और युवाओं के बुलाहट के लिए कुछ खंडों को फॉर्मेशन हाउस के रूप में परिवर्तित करने की माँग की जो पहले धर्मबहनों के द्वारा संचालित होता था। यह गतिविधि 1997 तक जारी रही थी जिसमें युवा लोग नेग्रोने के छात्रों की मनोरंजक गतिविधियों को चलाने में डॉक्ट्रिन फादर्स की मदद करते थे। 1980 में समर कैम्प शुरू हुआ जिस दौरान जुलाई और अगस्त महीने के कार्यदिवसों पर, दोपहर के भोजन सहित, सुबह से शाम तक गतिविधियाँ होती रहीं थीं। डॉक्ट्रिन फादसे की मदद करने के लिए पियान्त्सोलिन धर्मबहनें तथा लोकधर्मी भी आगे थे। प्रथम वर्ष में 150 नामांकित थे, फिर बाद के वर्षों में पूरे शहर की पल्लियों के अन्य युवाओं को भी इसमें शामिल करने का अनुभव बढ़ता गया। 1983 में शिक्षकों तथा भूतपूर्व छात्रों के बीच मैत्रीपूर्ण संबंध बनाए रखने के लिए भूतपूर्व छात्रों का एक एसोसिएशन का गठन हुआ; एसोसिएशन हर साल अप्रैल महीने के पहले रविवार को भूतपूर्व विद्यार्थियों, उनके परिवार तथा डॉक्ट्रिन फादर्स के साथ एक दिवसीय गैदरिंग का आयोजन करता है।
1980 के दशक में जनसांख्यिकीय गिरावट के कारण विजेवानो के स्कूलों में नामांकन और कक्षाओं में काफी कमी आई। तब सरकार द्वारा मान्यता प्राप्त स्कूल का एक ही अनुभाग खोलने का निर्णय लिया गया: प्रधानाध्यापक का पद, धर्म-क्लास और साहित्यिक विषयों के शिक्षण के लिए योग्य डॉक्ट्रिन फादर्स के जिम्मे सौंपा गया, अन्य विषयों के अध्यापन के लिए आम शिक्षकों की नियुक्ति की गई: परन्तु स्कूल के रखरखाव के लिए लगातार बढ़ती लागत के कारण 31 जुलाई 1997 को डॉक्ट्रिन फादर्स को नेग्रोने संस्थान बंद करना पड़ा। क्रिश्चियन डॉक्ट्रिन फादर्स ने 1962 में विजेवानो शहर में ही ख्रीस्त राजा पर्व के दिन इसी नाम का एक पल्ली की शुरूआत की।
सैन रेमो का विला मंयोली बोर्डिंग स्कूल
28 जून 1957 को पवित्र हृदय के पर्व दिवस पर डॉक्ट्रिन फादर्स के सुपीरियर जनरल एक नए बोर्डिंग मिडिल स्कूल खोलने के उद्देश्य से अतिसुंदर “विला मंयोली” का अधिकार लेने सैन रेमो गए। इस प्रकार वेन्तिमिलिया के बिशप महामान्यवर अगोस्तीनो रूसेत फादर जनरल को लिखते हैं: “हम खुशी से सैन रेमो में युवा छात्रों के लाभ के लिए कानूनी रूप से मान्यता प्राप्त मध्य विद्यालय के साथ क्रिश्चियन डॉक्ट्रिन फादर्स कॉन्ग्रिगेशन के द्वारा संचालित लड़कों के लिए एक बोर्डिंग स्कूल खोलने की अपनी सहमति व्यक्त करते हैं और जिनके लिए पुरोहितों को हम एक समृद्ध आध्यात्मिक भविष्य की कामना करते हैं ”।
सिसिली के वित्तोरिया में, सांता मारिया गोरेती, मैडोना असुन्ता और पवित्र आत्मा चर्च
1967 में कॉन्ग्रिगेशन रगुजा धर्मप्रान्त में एक नया सदन खोलता है। बिशप फ्रांसेस्को पिन्नीसी, स्थानीय लोकधर्मी, याजक वर्ग, विशेष रूप से वित्तोरिया के आर्चप्रिस्ट मान्यवर कर्मेलो फेर्रारो और परम पवित्र होली रोजरी के पल्ली पुरोहित जोसेफ कलीह डॉक्ट्रिन पुरोहितों का प्रेमपूर्वक स्वागत करते हैं। फादर कर्मेलो ला बेल्ला और फादर लुदोविको संतोरो को आसुओं की माता पल्ली चर्च की देखभाल सौंपी जाती है।

मैडोना अस्सुन्ता पल्ली चर्च
इसके बाद, फादर संतोरो को नव स्थापित सांता मारिया गोरेती तथा फादर ला बेल्ला को अस्सुन्ता की माता पल्ली सौंपा जाता है। बाद में, संत मारिया गोरेती पल्ली छोड़ देने के बाद, बिशप स्वामी आंजेलो रित्सो धर्मसंघ को नया पवित्र आत्मा पल्ली सौंपते हैं। सेवा की भावना से भरपूर डॉक्ट्रिन फादर्स उत्साह और समर्पण के साथ सुसमाचार की घोषणा और पुरोहिताई का कार्य कर रहे हैं। इसके साथ ही सांस्कृतिक संदर्भ में छात्रों को पढ़ाने की शैक्षणिक प्रतिबद्धता और ख्रीस्तीय प्रशिक्षण देने का दायित्व भी जुड़ जाता है। वित्तोरिया में फादर दारियो लिश्यो, फादर कर्मेलो ला बेल्ला और फादर लुदोविको संतोरो सहित विभिन्न धर्मबन्धु अपनी सेवा प्रदान करते हैं, जिस कार्य के लिए नगर पालिका ने नगरवासियों के प्रति उनकी महान प्रतिबद्धता के एवज में उन्हें मानद नागरिकता प्रदान किया है। फादर दारियो के सेवाकाल के दौरान सुपीरियर जनरल रिनाल्दो गास्पारोत्तो की उपस्थिति में नगरपालिका प्रशासन ने क्रिश्चियन डॉक्ट्रिन फादर्स धर्मसंघ के संस्थापक धन्य चेसार दे बुस के नाम से एक चौक को समर्पित किया है। इसके अलावा, फादर लिश्यो के अकस्मात् निधन के बाद नगर पालिका ने इनके नाम से भी एक प्लाजा का भी नामकरण किया है। इन पवित्र पुरोहितों की धर्मशिक्षा के कार्य से दो डॉक्ट्रिनरी बुलाहट का जन्म हुआ है।
ग्रोस्सेतो में पवित्र क्रूस पल्ली
1974 में पीएडमोंट प्रोविंश ग्रोस्सेतो में पवित्र क्रूस पल्ली का संचालन, एक अर्ध-बोर्डिंग स्कूल, एक युवा केंद्र और सरकारी स्कूल में अध्यापन के कार्य की शुरूआत करता है। प्रोविंश का कौंसिल इस पहल के लिए फादर पास्कल अमेरियो को सुपीरियर तथा पल्ली पुरोहित, फादर अुगो कोस्ता, फ्रांचेस्को गात्तो और प्रोफेसर फादर लॉरेंस रोस्सित की नियुक्ती करता है।
माज्जारिनो का पल्ली क्रीड़ा-स्थल (ऑरेटरी)
1978 में कल्तानिसेत्ता राज्य के माज्जारिनो में डॉक्ट्रिन फादर्स ने एक नई गतिविधि की शुरूआत की। सेल्शियन्स, जो उस शहर में पल्ली क्रीड़ा-स्थल अर्थात ऑरेटरी का संचालन करते थे, बंद करने का निर्णय लिया। सिसिली डॉन बॉस्को समाज के इंस्पेक्टर 2 अप्रैल 1978 को स्वयं कतानिया रेलवे स्टेशन पर डॉक्ट्रिनरी फादर अर्नेस्टो फेरेरो और जीनो बेर्तान का स्वागत करने आए। सुबह का एक छोटा नाश्ता के बाद, डॉक्ट्रिन फादर्स माज्जारिनो के लिए रवाना होते हैं, जहाँ दोपहर के समय पियात्सा अरमेनिया धर्मप्रान्त के बिशप सेबास्टियन रोस्सो के साथ मिस्सा अनुष्ठान में भाग लेते हैं। फिर वे नए घर का दौरा करने जाते हैं। यह एक बहुत बड़ा क्रीड़ा-स्थल (ऑरेटरी) था, जहाँ अनेक सभागार, पोर्टिको और छह सौ से अधिक सीटों के साथ एक बड़ा सिनेमा-थियेटर था। लोगों ने बहुत खुशी और उदारता के साथ उनका स्वागत किया और उन्होंने तुरंत एपोस्टोलेट का कार्य शुरू कर दिया। अप्रैल के अंत में फादर जानमारियो रेदाएल्ली, फादर कर्मेलो ला बेला और ब्रदर विन्चेंत्सो आर्कादीपाने भी जुड़ गए।